समेट रहा क्यों दोनों हाथ पाप भरी यह झूठी मााया।। समेट रहा क्यों दोनों हाथ पाप भरी यह झूठी मााया।।
हर बीते लम्हे को बनाकर याद कुछ अपनों के लिए उनकी ज़िंदगी में। हर बीते लम्हे को बनाकर याद कुछ अपनों के लिए उनकी ज़िंदगी में।
लव का देहांत नहीं मर्डर होता है सच कहें झूठी प्रतिष्ठा का डर होता है, कभी आनर किलिंग लव का देहांत नहीं मर्डर होता है सच कहें झूठी प्रतिष्ठा का डर होता है, कभी...
कहीं आतंक का साया,कहीं भूख की है छाया हमारा दिल रोता उनके अच्छे के लिए हरदम, हम मानत कहीं आतंक का साया,कहीं भूख की है छाया हमारा दिल रोता उनके अच्छे के लिए हरदम, ...
आधे से कुछ सपने हैं, अधूरी सी कुछ ख्वाहिशें, अधूरे हैं हम, अधूरी हैं शायद कुछ आजमाइशें आधे से कुछ सपने हैं, अधूरी सी कुछ ख्वाहिशें, अधूरे हैं हम, अधूरी हैं शायद कुछ...
मेरी माँ मेरी ओढ़नी दुनिया में सबसे न्यारी, मेरी जरूरतें पूरी होती सारी इससे बड़ी मेरी माँ मेरी ओढ़नी दुनिया में सबसे न्यारी, मेरी जरूरतें पूरी होती सारी ...